SANSKRIT MOCK TEST
UPPSC LT GRADE SANSKRIT MOCK TEST उत्तर प्रदेश लोक सेवा द्वारा एल टी ग्रेड परीक्षा 29 जून को आयोजित होनी है अनेक विषयों की परीक्षा में संस्कृत LT GRADE भी …
अधिकं पठतु (Read More)The Digital Platform of Learning
UPPSC LT GRADE SANSKRIT MOCK TEST उत्तर प्रदेश लोक सेवा द्वारा एल टी ग्रेड परीक्षा 29 जून को आयोजित होनी है अनेक विषयों की परीक्षा में संस्कृत LT GRADE भी …
अधिकं पठतु (Read More)कादम्बरी कादम्बरी संस्कृत साहित्य का महान उपन्यास है। इसके रचनाकार वाणभट्ट हैं। यह विश्व का प्रथम उपन्यास कहलाने का अधिकारी है। इसकी कथा सम्भवतः गुणाढ्य द्वारा रचित वृहद्कथा से ली …
अधिकं पठतु (Read More)उपनिषद – भाग-2 उपनिषदकाल के पूर्व : वैदिक युग वैदिक युग सांसारिक आनंद एवं उपभोग का युग था। मानव मन की निश्चिंतता, पवित्रता, भावुकता, भोलेपन व निष्पापता का युग था। …
अधिकं पठतु (Read More)उपनिषद – भाग-१ उपनिषद् हिन्दू धर्म के महत्त्वपूर्ण श्रुति धर्मग्रन्थ हैं। ये वैदिक वाङ्मय के अभिन्न भाग हैं। इनमें परमेश्वर, परमात्मा-ब्रह्म और आत्मा के स्वभाव और सम्बन्ध का बहुत ही दार्शनिक …
अधिकं पठतु (Read More)पाण्डुलिपि पाण्डुलिपि या मातृकाग्रन्थ एक हस्तलिखित ग्रन्थविशेष है । इसको हस्तप्रति, लिपिग्रन्थ इत्यादि नामों से भी जाना जाता है। आङ्ग्ल भाषा में यह Manuscript शब्द से प्रसिद्ध है इन …
अधिकं पठतु (Read More)नासदीय सूक्त नासदीय सूक्त ऋग्वेद के दशवें मण्डल का 129वां सूक्त है इसके मंत्र दृष्टा ऋषि परमेष्ठी प्रजापति हैं और देवता परमात्मा हैं यह सूक्त एक दार्शनिक सूक्त है सृष्टि के …
अधिकं पठतु (Read More)कुछ मुख्य संवादसूक्त – वे सूक्त, जिनमें दो या दो से अधिक देवताओं, ऋषियों या किन्हीं और के मध्य वार्तालाप की शैली में विषय को प्रस्तुत किया गया है, प्राय: …
अधिकं पठतु (Read More)सुभाषित-सर्वे गुणाः काञ्चनम् आश्रयन्ते सूक्ति या सुभाषित कुछ शब्दों की वह गागर है ,जो अनेकानेक भावों और अर्थों के सागर को स्वयं में समाहित किये रहती है। वैसे तो शब्दों का अर्थ निश्चित …
अधिकं पठतु (Read More)सुभाषित – मेरा भावार्थ सूक्ति या सुभाषित कुछ शब्दों की वह गागर है ,जो अनेकानेक भावों और अर्थों के सागर को स्वयं में समाहित किये रहती है। वैसे तो शब्दों का अर्थ निश्चित …
अधिकं पठतु (Read More)सूक्ति या सुभाषित कुछ शब्दों की वह गागर है ,जो अनेकानेक भावों और अर्थों के सागर को स्वयं में समाहित किये रहती है। वैसे तो शब्दों का अर्थ निश्चित होता …
अधिकं पठतु (Read More)प्रातिशाख्य : ‘प्रति‘ अर्थात् तत्तत् ‘शाखा‘ से संबंध रखनेवाला शास्त्र अथवा अध्ययन। यहाँ ‘शाखा‘ से अभिप्राय वेदों की शाखाओं से है। प्रातिशाख्यों का विषय: 1-वैदिक मंत्रों के शुद्ध उच्चारण, …
अधिकं पठतु (Read More)पाठभेद प्रकृति पाठ विकृति पाठ- अष्टौ विकृतयः 1-संहिता भगवान् 1.जटापाठ व्याडि 2-पदपाठ रावण 2.मालापाठ वशिष्ठ 2.1-पद पाठ कर्ता ऋषि- 3.शिखापाठ भृगु ऋग्वेद शाकल शाखा- शाकल्य ऋषि 4.रेखापाठ अष्टावक्र यजुर्वेद तैत्तरीय …
अधिकं पठतु (Read More)वेद शब्द सुनते ही आपके मस्तिष्क में क्या विचार आता है? वेद शब्द सुनते ही आपके मस्तिष्क में क्या विचार आता है? शायद सबसे पहले विचार आता होगा। कि वेद हिन्दू …
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