अद्यतनीयं क्रियापदम् – Verb of the day-जिघ्रति

आज का क्रियापद (घ्रा (गन्धोपादाने) धातु लट् लकार प्र.पु.एकवचन )का रूप है । जिसके रूप इस प्रकार चलते हैं   एकवचनम् द्विवचनम् बहुवचनम् प्रथम पुरुष जिघ्रति जिघ्रतः जिघ्रन्ति मध्यम पुरुष …

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अद्यतनीयं क्रियापदम् – Verb of the day-वाञ्छति

आज का क्रियापद वाछिँ (इच्छायाम्) धातु लट् लकार प्र.पु.एकवचन )का रूप है । जिसके रूप इस प्रकार चलते हैं यह धातु  इदित्  है, अतः इदितो नुम् धातोः ७|१|५८ इस सूत्र से  …

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अद्यतनीयं क्रियापदम् – Verb of the day-प्रोक्षति

आज का क्रियापद प्र उपसर्ग पूर्वक  उक्ष् (सेचने) धातु  लट् लकार प्र.पु.एकवचन का रूप है । जिसके रूप इस प्रकार चलते हैं     एकवचनम् द्विवचनम् बहुवचनम् प्रथम पुरुष प्रोक्षति …

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अद्यतनीयं क्रियापदम् – Verb of the day-गणयति

आज का क्रियापद गण धातु  से सम्बंधित है और लट् लकार प्रथम पुरुष एक वचन का का रूप है । जिसके रूप इस प्रकार चलते हैं       एकवचनम् …

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धरा पर लाए भगवद्भाषा-A Story By Dr. Pooja Upadhyay MPSVV Ujjain

धरा पर लाए भगवद्भाषा- एक कथा है एक कहानी है  जिसका मूल लेखन संस्कृत भाषा में डॉ.एच आर  विश्वास महोदय ने किया। और हिन्दी अनुवाद एवं  वाचन –डॉ.पूजा उपाध्याय सहायक …

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नीतिश्लोक – नीतिशतकम् – प्रारभ्यते न खलु विघ्न भयेन नीचैः।

                   इस संसार में अनेक प्रकार के लोग रहते हैं। जिनका व्यवहार, कार्य करने का ढंग अलग अलग होता है।और इसी संसार …

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नीतिश्लोक – नीतिशतकम् – साहित्य सङ्गीत कला विहीनः……

श्लोक -वाचन  भावार्थ  साहित्य (गद्य,पद्य, नाटक आदि साहित्य) सङ्गीत (संगीत) कला (कौशल) विहीनः (बिना) साक्षात्पशुः (प्रत्यक्ष जानवर) पुच्छ (पूँछ) विषाण (सींग) हीनः (बिना)। तृणं (तिनका/ घास) न खादन्नपि (न खाते …

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नीतिश्लोक -विदुरनीति-अभियुक्तं  बलवता दुर्बलं हीनसाधनम्

प्रस्तावना  धृतराष्ट्र व्याकुल थे उन्होंने दूत भेजकर विदुर से मिलने की इच्छा जाहिर की। दूत का सन्देश पाकर विदुर धृतराष्ट्र से मिलने महल पहुंचे। धृतराष्ट्र संजय को लेकर बहुत परेशान …

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भारतीवसन्तगीतिः – Class IX Sanskrit – Chapter -1

अयं पाठः “काकली” इति गीतसंग्रहात् सङ्कलितोऽस्ति। अस्य रचनाकारः आधुनिकसंस्कृतकविः पण्डितजानकीवल्लभशास्त्रीमहोदयः सन्ति। अस्मिन् पाठे कविः प्रकृतेः सौन्दर्यं वर्णयन् सरस्वतीं वीणावादनाय प्रार्थनां करोति। निनादय नवीनामये वाणि! वीणाम् मृदुं गाय गीतिं ललित-नीति-लीनाम् । …

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NCERT Class –VII हिन्दी वसंत -2 प्रथम पाठ – हम पंक्षी उन्मुक्त गगन के

कविता से – प्रश्न-1   हर तरह की सुख सुवधाएं पाकर भी पक्षी पिंजरे में बंद क्यों नहीं रहना चाहते? उत्तर –  पंक्षियों को स्वतंत्रता पसंद हैं, वह पिंजरे के बंधन …

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Class IX – Sanskrit प्रथमः पाठः “भारतीवसन्तगीतिः”

“भारतीवसन्तगीतिः” पाठः निनादय नवीनामये वाणि! वीणाम् मृदुं गाय गीतिं ललित-नीति-लीनाम् । मधुर-मञ्जरी-पिञ्जरी-भूत-मालाः वसन्ते लसन्तीह सरसा रसालाः कलापाः ललित-कोकिला-काकलीनाम् ।।1।। निनादय नवीनामये वाणि! वीणाम्।। वहति मन्दमन्दं सनीरे समीरे कलिन्दात्मजायास्सवानीरतीरे, नतां पε१मालोक्य …

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