कक्षा –अष्टमी
प्रथमः पाठः – सुभाषितानि(अभ्यासः)
प्रश्नसंख्या -2
श्लोकांशेषु रिक्तस्थानानि पूरयत-
(क) समुद्रमासाद्य ———————।
उत्तरम् –(क) समुद्रमासाद्य भवन्त्यपेया:।
(ख) ——————— वच: मधुरसूक्तरसं सृजन्ति।
उत्तरम्- (ख) श्रुत्वा वच: मधुरसूक्तरसं सृजन्ति।
(ग) तद्भभागधेयं ——————— पशूनाम्।
उत्तरम्-(ग) तद्भागधेयं परमं पशूनाम्।
(घ) विद्याफलं ——————— कृपणस्य सौख्यम्।
उत्तरम्-(घ) विद्याफलं व्यसनिनं कृपणस्य सौख्यम्।
(घ) स्त्रियां ——————— सर्वं तद् ———————कुलम्।
उत्तरम्-(घ) स्त्रियां रोचमानायां सर्वं तद् रोचते कुलम्।
प्रश्नसंख्या -3
प्रश्नानाम् उत्तराणि एकपदेन लिखत-
(क) व्यसनिन: किं नश्यति?
उत्तरम्-(क) विद्याफलम्।
(ख) कस्यां रोचमानायां सर्वं कुलं रोचते?
उत्तरम्- (ख) स्त्रियाम्।
(ग) कस्य यश: नश्यति?
उत्तरम्-(ग) लुब्धस्य।
(घ) मधुमक्षिका किं जनयति?
उत्तरम्-(घ) माधुर्यं।
(ङ) मधुरसूक्तरसं के सृजन्ति?
उत्तरम्- (ङ) मधुमक्षिका।
प्रश्नसंख्या -4
अधोलिखित-तद्भव-शब्दानां कृते पाठात् चित्वा संस्कृतपदानि लिखत-
यथा-कंजूस कृपण:
प्रश्नः | उत्तरम् | ||
कड़वा | ——————— | कड़वा | कटुकम् |
पूँछ | ——————— | पूँछ | पुच्छ |
लोभी | ——————— | लोभी | लुब्ध |
मधुमक्खी | ——————— | मधुमक्खी | मधुमक्षिका |
तिनका | ——————— | तिनका | तृणम् |
प्रश्नसंख्या -5
अधोलिखितेषु वाक्येषु कर्तृपदं क्रियापदं च चित्वा लिखत-
वाक्यानि | कर्ता | क्रिया | |
यथा | सन्त: मधुरसूक्तरसं सृजन्ति। | सन्त: | सृजन्ति |
(क) | निर्गुणं प्राप्य भवन्ति दोषा:। | ……. | ……. |
(ख) | गुणज्ञेषु गुणा: भवन्ति। | ……. | ……. |
(ग) | मधुमक्षिका माधुर्यं जनयेत्। | ……. | ……. |
(घ) | पिशुनस्य मैत्री यश: नाशयति। | ……. | ……. |
(ङ) | नद्य: समुद्रमासाद्य अपेया: भवन्ति। | ……. | ……. |
उत्तरम् –
वाक्यानि | कर्ता | क्रिया | |
यथा | सन्त: मधुरसूक्तरसं सृजन्ति। | सन्त: | सृजन्ति |
(क) | निर्गुणं प्राप्य भवन्ति दोषा:। | दोषा: | भवन्ति |
(ख) | गुणज्ञेषु गुणा: भवन्ति। | गुणा: | भवन्ति |
(ग) | मधुमक्षिका माधुर्यं जनयेत्। | मधुमक्षिका | जनयेत् |
(घ) | पिशुनस्य मैत्री यश: नाशयति। | मैत्री | नाशयति |
(ङ) | नद्य: समुद्रमासाद्य अपेया: भवन्ति। | नद्य: | भवन्ति |
प्रश्नसंख्या -6
रेखाङ्कितानि पदानि आधृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत-
(क) गुणा: गुणज्ञेषु गुणा: भवन्ति।
उत्तरम् –(क) के गुणज्ञेषु गुणा: भवन्ति?
(ख) नद्य: सुस्वादुतोया: भवन्ति।
उत्तरम् –(ख) का: सुस्वादुतोया: भवन्ति?
(ग) लुब्धस्य यश: नश्यति।
उत्तरम् –(ग) कस्य यश: नश्यति?
(घ) मधुमक्षिका माधुर्यमेव जनयति।
उत्तरम् –(घ) का माधुर्यमेव जनयति?
(ङ) महतां प्रकृति: सुस्थिरा भवति।
उत्तरम् –(ङ) महतां का सुस्थिरा भवति?
प्रश्नसंख्या -7
उदाहरणानुसारं पदानि पृथक् कुरुत-
यथा-समुद्रमासाद्य | समुद्रम् | + | आसाद्य |
माधुर्यमेव | ——————— | + | ——————— |
अल्पमेव | ——————— | + | ——————— |
सर्वमेव | ——————— | + | ——————— |
समानमपि | ——————— | + | ——————— |
महात्मनामुक्ति: | ——————— | + | ——————— |
उत्तरम् –
यथा-समुद्रमासाद्य | समुद्रम् | + | आसाद्य |
माधुर्यमेव | माधुर्यम | + | एव |
अल्पमेव | अल्पम् | + | एव |
सर्वमेव | सर्वम् | + | एव |
समानमपि | अपि | + | समानम् |
महात्मनामुक्ति: | महात्मनाम् | + | उक्ति |